होटल संचालन कंपनी ओयो ने अविवाहित जोड़ों के लिए अपनी चेक-इन नीति में बदलाव किया है। अब ऐसे जोड़ों को होटल में कमरा लेने के लिए अपने रिश्ते का वैध प्रमाण देना होगा। यह नियम ऑनलाइन बुकिंग पर भी लागू होगा।
कंपनी का कहना है कि यह कदम स्थानीय सामाजिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। ओयो ने अपने भागीदार होटलों को अविवाहित जोड़ों की बुकिंग अस्वीकार करने का अधिकार दे दिया है। इस नीति की शुरुआत मेरठ से हुई है और इसे अन्य शहरों में भी लागू किया जा सकता है।
मेरठ में सामाजिक संगठनों ने किया था अनुरोध
मेरठ में कुछ सामाजिक संगठनों ने ओयो से इस मुद्दे पर ध्यान देने का अनुरोध किया था। उनके अनुरोध के बाद कंपनी ने यह निर्णय लिया है।

मेरठ के अलावा अन्य शहरों से भी ओयो होटलों में अविवाहित जोड़ों के चेक-इन पर रोक लगाने की मांग उठ रही है। उत्तर भारत के क्षेत्रीय प्रमुख पवन शर्मा ने बताया कि ओयो सुरक्षित और जिम्मेदार आतिथ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, लेकिन साथ ही हम कानून प्रवर्तन एजेंसियों और नागरिक समूहों की बात सुनने तथा उनके साथ मिलकर काम करने की अपनी जिम्मेदारी को भी मानते हैं। कंपनी ने कहा है कि यह पहल ओयो के उस प्रयास का हिस्सा है जिसका उद्देश्य पुरानी धारणा को बदलना और खुद को परिवारों, छात्रों, व्यापारियों और एकल यात्रियों के लिए सुरक्षित अनुभव प्रदान करने वाले ब्रांड के रूप में स्थापित करना है।
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